चंदौली, सटीक संवाद। जिले के धानापुर कस्बे में भू-माफियाओ और चकबंदी विभाग के अधिकारियों का लंबा खेल उजागर हुआ है. जहां चकबंदी विभाग के मिलीभगत से भू माफियाओं के नाम गरीबों की गाढ़ी कमाई हो गई है. जो चर्चा का विषय बनी हुई है. साथ ही आपसी मिलीभगत से सरकारी जमीनो के साथ ही गरीबों के आशियाने को अपने और अपने करीबियों के नाम करवाने का मामला सामने आया है. वहीं गरीब और असहाय लोगों की जमीनों पर भी अवैध रुप से जबरिया कब्जा करने के फिराक में हैं. ऐसे में इनके मकरजाल में फसे गरीब असहाय न्याय के लिए दर दर मारे फिर रहें हैं.
धानापुर ग्राम सभा की कई सरकारी जमीनें भी भू-माफिया के नाम हो चुकी हैं. एक प्रमुख भू-माफिया, जो दस साल पहले मोबाइल की दुकान चलाता था, अब चकबंदी विभाग में दलाली करता है. उसने मुगलसराय, चंदौली, वाराणसी, मुंबई और छत्तीसगढ़ में करोड़ों की संपत्ति जमा कर ली है सूत्र बताते है कि इसके पूर्वज भूमिहीन थे तो इतनी बड़ी संपत्ति का मालिक कैसे बना यह चर्चा का विषय बना हुआ है और बड़ा सवाल है आखिर इन लोगो को पनाह कौन दे रहा है?
ओदरा गांव के निवासी रामनिवास यादव ने बताया कि मेरे पिताजी ने सन 1996 में खेती कि जमीन रजिस्ट्री कराई थी. जिसमे खेती हो रही थी कल रात में भूमाफिया आलम ने गिट्टी बालू गिराकर बता रहें हैं कि इसमें चार बिसवा जमीन मेरी है. चकबंदी से पूर्व जमीन मेरी थी. चकबंदी के दौरान मेरे खेत में रोड पर ये लोग चकबंदी अधिकारियो के मिली भगत से चक कटवा लिए हैं. जो पुराने नक़्शे में नहीं है और मेरे रजिस्ट्री पेपर के चौहद्दी को मानने से इंकार करते हुए जबरदस्ती कब्ज़ा करने कि कोशिश कर रहें हैं, और जान से मारने कि धमकी भी दें रहें हैं पीड़ित ने थाना प्रभारी धानापुर को प्रार्थना पत्र देकर न्याय और जान मॉल के सुरक्षा कि मांग की है.
दो दिन पहले ही सैयदराजा विधायक सुशील सिंह ने धानापुर ग्राम सभा में चकबंदी विभाग के लापरवाही से कई हजार लोगों के कागजात में गड़बड़ी के मामले को संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी से निष्पक्ष जांच कर आवश्यक कार्रवाई कि मांग की है. उन्होंने बताया कि चकबंदी के दौरान धानापुर ग्राम सभा में कई लोगों के जमीन के कागजात से खिलवाड़ कर दिया गया है इसको कत्तई बर्दास्त नहीं किया जायेगा ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है
कम्युनिस्ट पार्टी के नेता का श्रवण कुशवाहा ने इस मामले को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि चकबंदी विभाग की लापरवाही से हजारों लोगों के जमीनी कागजात में गड़बड़ी की गई है इसको तत्काल सुधार किया जाय
भू-माफिया का खौफ इतना है कि कोई भी व्यक्ति कैमरे के सामने बोलने को तैयार नहीं है. स्थानीय लोग न्याय के लिए अधिकारियों के पास भटक रहे हैं. अगर समय रहते प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो स्थिति गंभीर हो सकती है.
ग्रामीण बताते हैं कि उनके पूर्वजों के पास जमीन ही नहीं थी फिर चकबंदी के बाद ये लोग इतने जमीन के मालिक कैसे बन बैठे हैं ये जाँच का सवाल है. वहीं भू-माफिया अपने करीबियों के नाम पर जमीनों की रजिस्ट्री करा रहे हैं और फिर उसको खुलेआम बेचकर मालामाल हो रहें हैं।
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