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चंदौली में 26 नवम्बर को संविधान दिवस का आयोजन होगा - लल्लन कुमार

स्वामी प्रसाद मौर्य होंगे मुख्य अतिथि, जन अपेक्षाओं को आवाज दी जाएगी 

चंदौली। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी 26 नवम्बर को संविधान दिवस का आयोजन अशोका द ग्रेट लॉन बिछिया जीटी रोड चंदौली में होगा. इस कार्यक्रम के स्वामी प्रसाद मौर्य मुख्य अतिथि होंगे. इस आशय की जानकारी लॉर्ड बुद्धा डॉ अंबेडकर सेवा समिति के प्रदेश महासचिव लल्लन कुमार ने दी. साथ ही अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की.

उन्होंने बताया कि लॉर्ड बुद्धा डॉ अंबेडकर सेवा समिति एक अराजनैतिक संगठन है, जिसके बैनर तले वर्ष 2008 से अनवरत भारतीय संविधान दिवस मनाते चले आ रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन प्रसाद आर्य के नेतृत्व में शोषित, दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक समाज में स्वास्थ्य शिक्षा और सम्मान, रोटी कपड़ा और मकान पर लोगों को संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकारों से रूबरू कराते हुए जागृत करने और गांव गांव शिविर लगाकर बच्चों में पाठ्य सामग्री सहित अन्य जरूरतमन्दो की आवश्यकताओं की प्रतिपूर्ति संगठन के माध्यम से किया जाता रहा है.

प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन आर्या ने बताया कि भारतीय संविधान 26 नवम्बर 1949 को पारित किया गया. जिससे हमारा लोकतांत्रिक गणराज्य स्थापित हुआ. इस महान अवसर को राष्ट्रीय संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है. लॉर्ड बुद्धा डॉ अंबेडकर सेवा समिति द्वारा जन अपेक्षाओं को आवाज देने के लिए वर्ष 2008 से अनवरत जिला मुख्यालय पर संविधान दिवस मनाया जाता रहा है. उपस्थित वक्ताओं द्वारा डॉ अंबेडकर के जीवन संघर्षों और संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकारों पर विस्तार से प्रकाश डाला जाता है. बीच बीच में अतिथियों को अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित करने का काम किया जाता है। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी समर्थकों को लंच पैकेट वितरित कर नाश्ता कराने के बाद कैलेंडर और जरूरतमंदो में कंबल वितरण किया जाता है.

संविधान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य:
प्रदेश उपाअध्यक्ष एड रामजन्म बागी ने बताया कि भारतीय संविधान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना, संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देना और लोकतंत्र को मजबूत करना है. यह दिन नागरिकों को संविधान के मूलभूत सिद्धांतों, उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में शिक्षित करना और कानून के शासन के महत्व को सुदृढ़ करना और डॉ. बी. आर. अंबेडकर का संविधान निर्माता के रूप में में याद दिलाने और सम्मानित करने का दिन है. यह दिन न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करता है

जन अपेक्षाओं को आवाज देने के लिए मनाते हैं संविधान दिवस 
प्रदेश मंत्री रामसुभाष ने बताया कि संविधान दिवस संविधान के जनक डॉ. बी.आर.अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने और उन्हें नमन करने और जन अपेक्षाओं को आवाज देने के लिए मनाते है. 26 नवंबर को भारत के संविधान को अपनाया गया था, जो बाद में 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ. यह दिन भारतीय संविधान के लोकतांत्रिक मूल्यों और न्याय, स्वतंत्रता, समानता जैसे सिद्धांतों का सम्मान करता है, तथा नागरिकों को संवैधानिक मूल्यों के बारे में जागरूक करने और मौलिक अधिकारों की याद दिलाने के लिए मनाया जाता है. इस दिन को मनाने की शुरुआत 2015 में डॉ. बी.आर. अंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर हुई थी, लेकिन लॉर्ड बुद्धा डॉ अंबेडकर सेवा समिति के बैनर तले वर्ष 2008 से ही संविधान दिवस मनाया जाता रहा है। 

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