कांशीराम शहरी आवास निवासियों का जीवन दुर्गंधित पानी के बीच बीत रहा
सपा की सरकार थी तो यहां के निवासी मूलभूत सुविधाएं से भी महरूम थे, भाजपा राज में तो यह संकट और बढ़ गया हैं
भाजपा राज में लगातार गरीबों की उपेक्षा की जाती है और सभी जगह कांशीराम शहरी आवास में रहने वाले उपेक्षित हैं
बसपा को तो जनता के सवालों से कोई लेना देना नहीं रहता है, वह तो वोट पाने के लिए ही राजनीति करती हैं.
चन्दौली, मोदी सरकार के स्वच्छता व विकास की सही तस्वीर देखनी है तो आएं उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के नियामताबाद ब्लॉक अंतर्गत मनोहरपुर गांव में, जहां असहाय व गरीबों के लिए मायावती जी की ड्रीम प्रोजेक्ट योजना से मान्यवर कांशीराम शहरी आवास बना हुआ है
यहां के निवासियों व परिसर की स्थिति देख यह कहा नहीं जा सकता है कि ये लोग सरकार की दलगत राजनीति के कारण उपेक्षित हैं या प्रशासन की लापरवाही का शिकार है. चारों तरफ गंदगी, जर्जर हो रहे मकान, दुर्गंधित पानी के बीच ही इनका जीवन बीत रहा हैं. गंदगी के कारण यहाँ के निवासी आये दिन बिमारी के शिकार होते रहतें हैं.
सात हैंडपंप में कुछ मात्र ही काम करते हैं, बाकी काफी दिनों से खराब पड़े हुए हैं, टंकी हैं लेकिन कई मकान पर पानी ही नहीं पहुंचता हैं. सफाईकर्मी कभी कभी आता हैं. गंदगी का पानी निकलने का कोई रास्ता नहीं है. यहाँ के निवासियों के दुर्दशा की शिकायत पर भी अधिकरियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगता हैं.
भाजपा राज में लगातार गरीबों की उपेक्षा की जाती है और सभी जगह कांशीराम शहरी आवास में रहने वाले उपेक्षित हैं. सपा की सरकार थी तो भी यहाँ के निवासी मूलभूत सुविधाएं से भी महरूम थे, भाजपा राज में तो और यह संकट बढ़ गया हैं. बसपा को तो जनता के सवालों से कोई लेना देना नहीं रहता है, वह तो वोट पाने के लिए ही राजनीति करते हैं.
लेकिन अब यहां के निवासियों का धैर्य टूटता जा रहा है. अब जनता के सवालों की अनदेखी करने वाले जनप्रतिनिधियों का बहिष्कार करने से लेकर अधिकारियों का घेराव होगा. आंदोलन के पहले चरण में कांशीराम शहरी आवास के निवासियों की तरफ से अधिकारियों को ज्ञापन व मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल शिकायत दर्ज करायी जायेगी. उक्त बातें एआईपीएफ राष्ट्रीय समिति सदस्य अजय राय ने वहाँ के निवासियों के बीच जाकर हालात देखकर बाद कहा।
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