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चौधरी चरण सिंह किसानों के सच्चे नेता थे- पिंटू पाल

आजादी के बाद देश के विकास में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही, उन्होंने अपना पूरा राजनीतिक जीवन किसानों, ग्रामीण भारत और कृषि सुधारों के लिए समर्पित किया- किसान नेता 

चंदौली। भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन वाराणसी युवा मंडल अध्यक्ष पिंटू पाल के नेतृत्व में किसान दिवस पर देश के पांचवें प्रधामंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती हर्षोल्लास पूर्वक मनाई गई और उनके पूरे राजनैतिक जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला गया.

फोटो: पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित करते हुए किसान नेता पिंटू पाल 

किसान नेता पिंटू पाल ने बताया कि आजादी के बाद देश के विकास में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है, उन्होंने अपना पूरा राजनीतिक जीवन किसानों, ग्रामीण भारत और कृषि सुधारों के लिए समर्पित किया। उन्हें किसानों का सच्चा नेता माना जाता है।

चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को हुआ था। सरकार ने उनके सम्मान में साल 2001 से ही 23 दिसंबर को हर साल किसान दिवस मनाने का फैसला किया था।

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां आज भी देश की आधी से ज्यादा आबादी खेती पर निर्भर है। किसान को अन्नदाता कहते हैं,जो केवल खेतों में फसल नहीं उगाता, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था, संस्कृति और सामाजिक संतुलन की नींव भी संभालता है। इसी सम्मान और योगदान को याद करते हुए हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाया जाता है। 2025 में भी यह दिन किसानों के संघर्ष, आत्मसम्मान और अधिकारों को याद करने का अवसर है।

चौधरी चरण सिंह ने कृषि को राष्ट्रीय नीति के केंद्र में लाने पर जोर दिया।

वे ज़मींदारी प्रथा के विरोधी थे। किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की वकालत की। कृषि को राष्ट्रीय नीति के केंद्र में लाने पर जोर दिया।
उनकी जयंती पर चौधरी चरण सिंह के सम्मान में भारत सरकार ने 2001 में 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाने की घोषणा की।

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