अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने का प्रयास, सरकार अपनी विफलताओं से भटका रही ध्यान
चंदौली,सकलडीहा। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में हुई सुरक्षा संबंधी चूक की जिम्मेदारी लेने की बजाय सवाल पूछने पर नेहा सिंह राठौर तथा लखनऊ विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर मादरी काकोटी के खिलाफ कारण बताओं नोटिस जारी करना तथा फर्जी मुकदमा दर्ज करना जनता की आवाज को दबाने की कोशिश है. अति शीघ्र मुकदमे वापस ले सरकार. उक्त बातें इंकलाबी नौजवान सभा,एपवा तथा आइसा के संयुक्त राज्य ब्यापी आह्वान पर उपजिलाधिकारी सकलडीहा के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को संबोधित ज्ञापन सौंपने के बाद इंकलाबी नौजवान सभाके राज्य अध्यक्ष ठाकुर प्रसाद ने कही.
इंकलाबी नौजवान सभा के राज्य अध्यक्ष ठाकुर प्रसाद ने कहा की प्रसिद्ध लोक गायिका नेहा सिंह राठौर पर हजरतगंज कोतवाली (लखनऊ) में तथा लखनऊ विश्वविद्यालय की सहायक आचार्य डॉ. मादरी काकोटी के खिलाफ जारी किए गए कारण बताओ नोटिस और दर्ज की गई झूठी एफआईआर करना कत्तई उचित नहीं है. यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और असहमति के लोकतांत्रिक अधिकार पर हमला है.
सरकार और प्रशासन ने पहलगाम त्रासदी के बाद उठी जनता की भावनाओं का इस्तेमाल करते हुए असहमति की आवाज़ों पर हमला बोला है. यह कार्रवाई न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने का प्रयास है, बल्कि सरकार की अपनी सुरक्षा विफलताओं से ध्यान भटकाने की एक सोची-समझी साजिश भी है.
ठाकुर प्रसाद ने कहा की पहलगाम में जो त्रासद पूर्ण हमला हुआ, वह सरकार की सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चूक थी, इस चूक की जांच और जवाबदेही तय करने के बजाय, सत्ता ने इसे सांप्रदायिक नफरत फैलाने और असहमति करने वालों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया है. सरकार ने त्रासदी को रोका नहीं — अब उसे राजनीतिक हथियार बनाकर विरोध के हर स्वर को दबाने में लगी है.
एपवा जिला उपाध्यक्ष कामरेड श्याम देई ने कहा की डॉ.मादरी काकोटी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था कि "धर्म पूछकर गोली मारना, धर्म पूछकर लिंच करना, धर्म पूछकर नौकरी से निकालना और धर्म पूछकर बुलडोज करना — यह सब बर्बरता और आतंकवाद है, और असली आतंकियों को पहचानने की ज़रूरत है." उनके इस पोस्ट का मकसद नफ़रत के माहौल के खिलाफ बोलना और असली समस्याओं को उजागर करना था.
लेकिन इस लोकतांत्रिक आवाज़ को चुप कराने के लिए उनके खिलाफ बीएनएस की कठोर धाराओं के तहत झूठे मुकदमे दर्ज कर दिए गए. डॉ. माद्री काकोटी 'डा मेडुसा' के नाम से सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं, जहाँ उनके हजारों फॉलोअर्स हैं. इसी तरह से लगातार सरकार से सवाल पूछने और उसकी गलत नीतियों की आलोचना करने के चलते प्रसिद्ध लोक गायिका नेहा सिंह राठौर पर भी देशद्रोह समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया.
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और असहमति के अधिकार की रक्षा की गारंटी सरकार सुनिश्चित करे. शिक्षकों, कलाकारों और नागरिकों की असहमति की आवाज पर बुलडोजर न चले.
ठाकुर प्रसाद ने कहा की हम आरवाईए की तरफ से डॉ. माद्री काकोटी के खिलाफ दर्ज एफआईआर और अनुशासनात्मक नोटिस तथा लोक गायिका नेहा सिंह राठौर पर दर्ज एफआईआर निरस्त करने की मांग करते हैं.
प्रतिनिधिमंडल में कामरेड शशिकांत सिंह, कामरेड विजय विश्वकर्मा, कामरेड रमेश राय, कामरेड तेजू राय उपस्थित रहे
0 टिप्पणियाँ