को एक *समय:10.00 प्रातः 10:00 बजे **स्थान:**
चंदौली, सटीक संवाद। जिले के सकलडीहा पी.जी. कॉलेज, चंदौली के डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सभागार में गुरुवार को पूर्वान्ह 10 बजे राजनीति शास्त्र विभाग द्वारा 25 जून 1975 के आपातकाल विषय पर एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी में आपातकाल की पृष्ठभूमि, कारण, प्रभाव और उससे मिली चेतावनियों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया.
प्राचार्य प्रो. प्रदीप कुमार पांडेय ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के लिए एक गहन परीक्षा की घड़ी थी, जिसने देश के संवैधानिक ढांचे और नागरिकों की जागरूकता की परीक्षा ली.
मुख्य वक्ता प्रो. समीम राइन ने अपने सारगर्भित वक्तव्य में 1975 के आपातकाल की पृष्ठभूमि, कारण, प्रभाव और उससे मिली चेतावनियों पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि यह दौर लोकतंत्र के इतिहास का एक ऐसा अध्याय है, जिसे समझना हर जागरूक नागरिक के लिए आवश्यक है.
संगोष्ठी में विभिन्न विभागों के प्राध्यापक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी, एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे. विद्यार्थियों ने भी इस विषय पर प्रश्न पूछे एवं अपने विचार रखे.
कार्यक्रम का संचालन राजनीति शास्त्र विभाग द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन भी विभाग के प्रवक्ता द्वारा प्रस्तुत किया गया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर प्रदीप कुमार पांडे ने की तथा मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर समीम राइन राजनीति शास्त्र विभाग, उपस्थित रहे।
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