जल्द पानी छोड़ने की मांग, कहा हर साल इस मौसम में आती है पानी की समस्या, विभाग अभी तक नही निकाला समाधान
चंदौली, सटीक संवाद। किसान नेता पिंटू पाल और विजयकांत पासवान नहरों में पानी नहीं छोड़े जानें पर
धान की नर्सरी, ढैचा की बुवाई प्रभावित होने और पशुओं पर मडरा रहे संकट को लेकर काफी नाराजगी जाहिर किया है और जल्द पानी छोड़े जाने की मांग किया. वही कहा कि हर साल नर्सरी डालने के ऐन वक्त पर पानी की समस्या होती है. जिसका ठोस समाधान सिंचाई विभाग अभी तक नहीं निकाल सका.
भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन वाराणसी मण्डल युवा अध्यक्ष पिंटू पाल और जिलाध्यक्ष विजयकांत पासवान ने संयुक्त रूप से बताया कि धान की नर्सरी और ढैंचा बुवाई के लिए यह सबसे उपयुक्त समय है. हर साल नर्सरी डालने के ऐन वक्त पर पानी की समस्या होती है. जिससे नर्सरी में देरी हो जाती है. ऐसे में खेती पिछड़ जा रही है और पालतू पशुओं सहित छुट्टा जानवर पानी के लिए विलविला जा रहें हैं. मानसून भी उनके साथ अनवरत खिलवाड़ कर रही है. जिसको लेकर किसानों में भारी चिंता बढ़ रही है.
सिंचाई विभाग की मनमानी से अभी तक जनपद की मुख्य सभी नहरें राजवाहा सभी अभी तक सूखे पड़े है. साधन संपन्न किसान तो निजी ट्यूबेल से नर्सरी डाल लें रहे है. लेकिन छोटे और मझोले किसान नर्सरी डालने से वंचित है. वही पशुओं के चारे के लिए ढैचा की भी बुवाई नहीं की जा सकी है. उन्होंने चेताया कि नहरों में पानी जल्द नही छोड़ा गया तो वह एक बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे. जिसके लिए सिंचाई विभाग के अधिकारी ज़िम्मेदार होंगे.
उन्होंने आगे चिंता जताई कि धान की नर्सरी तैयार नहीं हुई और अगर मानसून जल्दी आ गई तो खाल खेतों में पानी भर जाएगा. इससे उनकी रोपाई के लिए जल निकासी की समस्या जटिल बन जायेगी और किसी तरह धान की रोपाई हो भी गई तो फसल पानी पानी से नष्ट हो जायेगी और किसान के सारे प्रयास और रोपाई, जोताई और खाद बर्बाद हो जायेगी साथ ही आजीविका पर संकट मडरा जायेगा. उन्होंने जिलाधिकारी चंदौली का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए जल्द पानी छोड़ने की मांग किया है।
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