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रोहितास हत्याकांड: घटना के 17 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली

शूटर से पुलिस कोसों दूर, बेकसूर को पकड़ कर भेज रही जेल, सत्ता के कारनामों की बू से पिछड़े बेचैन, बर्बस और विवशता का झेल रहे दंश -पिंटू पाल 

चंदौली, जिले के मुगलसराय में दवा व्यवसाई रोहितास पाल के हत्याकांड की घटना के 17 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली है. शूटर से पुलिस कोसों दूर है, और बेकसूर को पकड़ कर जेल भेज रही है. सत्ता के कारनामों की बू से पिछड़े बेचैन, बर्बस और विवशता का दंश झेल रहे है. चोरी हत्या और बलात्कार के बढ़ते ग्राफ और कानून व्यवस्था के चैलेंज पर दिनोदिन लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. जिस दिन यह तड़प सीमा पार करेगी वह दिन दूर नहीं होगा नेपाल श्रीलंका और पश्चिम बंगाल जैसी हालात भारत की भी होने में. उक्त बातें भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन के वाराणसी युवा मंडल अध्यक्ष पिंटू पाल ने पुलिस अधीक्षक चंदौली को उक्त बाबत ज्ञापन देने के बाद पत्रकारों से रूबरू होने पर कहा. 

चेताया कि जिला प्रशासन रोहितास पाल के शूटर को जल्द से जल्द गिरफ्तार नहीं करता है तो वह बड़ा आंदोलन करके सबक सिखाने का काम करेंगे. क्योंकि सत्ता पक्ष और अपराधियों की मिलीभगत से जनपद में चोरी हत्या बेइमानी और बलात्कार जैसे मामले काफी बढ़ें हैं और आए दिन होना आम बात हो गई हैं और अपराधी कानून व्यवस्था को खुली चुनौती दे रहे हैं. इस सरकार में न्याय नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. पुलिस अपने कारनामे को छुपाने के लिए वेबस लाचार और कमजोर को किसी भी मामले में मुजरिम बना दे रही है. जिला प्रशासन सत्ता पक्ष की जाति को बढ़ावा और अन्य जाति के लोगों को निशाना बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है.

फोटो: पिंटू पाल पत्रकार वार्ता करते हुए 

किसान यूनियन अब जिला प्रशासन से संवैधानिक तौर पर प्रदर्शन कर आर पार लड़ने को तैयार है. शूटर की तस्वीर सीसी फुटेज में कैद होने और पहचान होने के बाद भी, नहीं पकड़ा जाना राजनैतिक संरक्षण और जिला प्रशासन की मिली भगत का बड़ा संकेत दे रहा है. चन्दौली अपराध एवं अपराधियों का जिला बना है. लूट, चोरी, हत्या, बलात्कार चन्दौली में आम बात हो गई है. माननीय मुख्यमंत्री जी निवेदन है चन्दौली को क्राईम ज़ोन बनाने के लिए चन्दौली पुलिस के आलाधिकारियों को लखनऊ पुलिस मुख्यालय बुलाकर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करना चाहिए. बिहार और उत्तर प्रदेश के बार्डर पर स्थित जनपद चन्दौली से लखनऊ की दूरी अधिक होने के कारण बाबा के बुलडोजर का तेल ही खत्म हो जा रहा है इसलिए बाबा का जीरो टॉलरेंस की नीति और बुलडोजर दोनो चन्दौली तक नही पहुंच रहा है. अब जनता इनकी सोच को नाकाम करने और उनका जवाब उनके शब्दों में देने के लिए कमर कस ली है और 2027 के विधान सभा चुनाव में सत्ता से बेदखल कर इनके हर मंसूबे पर पानी फेरने का काम करेगी.


क्या कर रही हैं चंदौली पुलिस? कब रुकेगा यह खूनी खेल: 
एक के बाद एक शव मिलने का सिलसिला जिले में आम बात हो गया है. किसी को न्याय नहीं मिलना भी आम बात हो गया. सवाल यह उठता है कि आखिर पुलिस कब तक 'मौके पर पहुंचने और जांच जारी है' जुमलों तक सीमित रहेगी. आम नागरिक डरे हुए हैं लेकिन अपराधियों के चेहरे पर शिकन तक नहीं है. अब जिले के लोगों का गुस्सा उबाल पर है. लोग खुलकर कह रहे हैं कि अब डर कर जीने से बेहतर है आवाज उठाना. 

जिले में लचर कानून व्यवस्था या मिली भगत?
रोहितास पाल की हत्या हुए 17 दिन बाद भी मुख्य हत्यारा शूटर का नहीं पकड़ा जाना पुलिस की कार्य शैली पर सवाल बड़ा खड़ा कर दिया है.लोग यही कहते फिर रहे हैं कि जिले में कानून का नहीं अपराधियों का बोलबाला है. सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या पुलिस की कार्रवाई केवल दिखावा है? या कहीं न कहीं कोई अंदरूनी साजिश और लापरवाही, जनपद में खूनी खेल को हवा दे रही है. क्या जिला रोहितास पाल को इंसाफ नहीं दिला पायेगी? उनके परिजनों को इंसाफ के लिए दर दर भटकना ही पड़ेगा.

इस दौरान डॉ. संजय पाल,  निरंजन पाल, हरिसेवक पाल, राधेश्याम पाल, लालमणि पाल, दीपक पाल, दीपराज पाल, गामाराम पाल, भैयालाल पाल, गुड्डू पासवान, शेषनाथ यादव, मोहन यादव, सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।

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