मुख्यमंत्री से मिले परिजन, न्याय की लगाए गुहार
चंदौली। जिले के मुगलसराय में पुलिस पीकेट से चंद कदमों दूर 18 नवंबर को रात्रि 9:00 बजे के लगभग दवा कारोबारी रोहितास पाल को अज्ञात बदमाशों द्वारा गोली मारकर नृशंस हत्या कर दी गई. घटना की सारी वारदात सीसी कैमरे में कैद हो गई.
पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे ने स्वयं इस घटना का संज्ञा लिया और बाकायदा आधा- आधा दर्जन थानों के प्रभारियों और सर्विलांस विशेषज्ञों को हत्यारों को पकड़ने के लिए लगाया. पुलिस साजिश के रूप में तीन लोगों को हिरासत में लिया और जेल भेज दिया, परन्तु आज तक मेन शूटरों से कोसों दूर है.
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इस बाबत बाजार के व्यापारियों ने विरोध जताया और धरना प्रदर्शन किया तो उन्हें सांत्वना देकर मामला शांत करा दिया गया. इस मामले को लीपापोती होते देख सूबे के मुखिया से परिजन मंगलवार को मिला और न्याय की मांग किया. देखना यह है कि सूबे के मुखिया इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं।
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रोहितास पाल के मर्डर के एक महीने छः दिन होने वाले हैं:
मुगलसराय के दवा व्यापारी रोहिताश पाल की हत्या हुए एक महीने छः दिन हो चुके हैं. बावजूद पुलिस की पहुंच से हत्यारे अभी तक कोसों दूर हैं. क्या राजनीतिक दबाव है. सत्तारूढ़ पार्टी के दबाव के चलते अभी तक हत्यारे का पता नहीं चल सका. इसको लेकर अब व्यापारियों में भय बना हुआ है,कहीं इसी तरह एक करके सबको निशाना तो नहीं बनाया जाएगा, इसको लेकर आक्रोश पनप रहा है.
प्रशासन से उठ रहा जनता का विश्वास:
किसान नेता पिंटू पाल ने कहा कि प्रशासन से अब जनता का विश्वास उठता जा रहा है. सवाल यह उठ रहा है कि तथाकथित साजिश कर्ताओं को एन केन प्रकार से अपनी छवि बचाने के लिए जेल भेज दिया गया, उन तथाकथित साजिश कर्ताओं से हत्यारों का पता नहीं लग पाया क्या?. प्रशासन को स्पष्ट करना चाहिए कि वह किसके दबाव में कार्य नहीं कर पा रही है?. हत्या का पर्दाफाश नहीं कर पा रही. पुलिस का कहना है कि अपराधियों को पकड़ने के लिए 12 पुलिस पार्टी बनाई गई, बावजूद अभी तक किसी भी पुलिस पार्टी को सफलता प्राप्त नहीं हुई. किसी बड़े राजनीतिक साजिश का शिकार तो दवा व्यापारी नहीं हो गया है.
जिला प्रशासन को स्पष्ट करना चाहिए:
किसान नेता पिंटू पाल ने कहा कि चंदौली पुलिस प्रशासन को स्पष्ट करना चाहिए कि वह रोहितास पाल के शूटरों को पकड़ने में अक्षम है. तो उत्तर प्रदेश सरकार को चाहिए कि दूसरे जनपद के पुलिस से या सीबीआई से इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए. क्योंकि पुलिस के ऊपर लोगों में संदेह बढ़ रहा है, अविश्वास पैदा हो रहा है, अपराध बढ़ रहे हैं, और अपराधों का पर्दाफाश नहीं हो पा रहा है. क्या किसी राजनीतिक दल के प्रभावशाली व्यक्ति का दबाव है?
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मुख्यमंत्री से मिला पीड़ित परिवार :
इस घटना पर पीड़ित परिवार के पास कई मंत्री और सत्तारूढ़ पार्टी के नेता आये सभी ने कहा कि इसका जल्दी पर्दाफाश होगा. बावजूद अभी तक तथा कथित तीन साजिश कर्ताओं को छोड़कर मेन अभियुक्त का कहीं अता पता नहीं चला. मामले का लीपापोती देख परिजन मुख्यमंत्री जी से मिलकर इंसाफ करने की मांग किया है. अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री जी इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं और इंसाफ दिला पाते हैं या नहीं? घटना का संज्ञान लेकर उच्च स्तरीय जांच करा कर हत्यारे को सजा दिलाने का काम करना चाहिए. किसी भी निर्दोष को दोषी नहीं बनाना चाहिए और यह तभी संभव है जब उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच हो।
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