कुपोषण बच्चों की पहचान करें, उन्हें एनआरसी केंद्र में भर्ती कराएं, तीन माह में परफॉर्मेंस सुनिश्चित करें
चंदौली। जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग ने सोमवार को जिला पोषण- कन्वर्जेन्स समिति की बैठक बुलाकर बिंदुवार समीक्षा की. कुपोषण को कम करने और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए. बताए कि कुपोषण को कम करना सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए सभी अधिकारियों को मिलकर काम करना होगा.
बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अभियान चलाकर सैम-मैम (कुपोषण बच्चों) की पहचान करें और उन्हें एनआरसी केंद्र में भर्ती कराएं और उनका बेहतर इलाज करते हुए आगामी तीन माह में सामान्य स्वास्थ्य लाभ की श्रेणी में लाने हेतु निरन्तर मेहनत करते हुए परफॉर्मेंस सुनिश्चित करें. इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं और बच्चों के नियमित टीकाकरण और स्वास्थ्य परीक्षण पर भी जोर दिए.
आंगनबाड़ी केंद्रों पर नियमित रूप से निगरानी रखी जाए और पोषण पोटली का वितरण सुनिश्चित किया जाए.पोषण से संबंधित प्रत्येक लाभार्थी को योजनाओं का लाभ पारदर्शिता के साथ मिले और सभी आंगनबाड़ी केंद्र सक्रिय रूप से कार्य करें. इसके अलावा, उन्होंने पोषण ट्रैकर की गतिविधियों के प्रगति की समीक्षा की और बेहतर रैंकिंग सुनिश्चित करने हेतु कड़े निर्देश दिए. बीएचएनडी सत्र की समीक्षा करते हुए कहा कि ई-कवच सर्वे कर फीडिंग में तेजी लाई जाए.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा समय से हॉट कुक्ड का वितरण सुनिश्चित हो.
समीक्षा के दौरान सीडीपीओ बरहनी, चहनिया तथा धानापुर सबसे खराब प्रदर्शन पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अगले पंद्रह दिनों में अपेक्षित गति लाए अन्यथा की दशा में कड़ी कार्यवाही की जाएगी तथा मुख्य विकास अधिकारी से कहा कि तीन सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले सीडीपीओ को प्रतिदिन अपने कार्यालय बुलाकर कार्य कराए जब तक निर्धारित लक्ष्य प्राप्त ना हो.
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी आर जगत साईं, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ वाई के राय, जिला विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, बाल विकास पुष्टाहार अधिकारी, डीसी एनआरएलएम, खंड विकास अधिकारी गण सहित अन्य सभी सीडीपीओ उपस्थित रहे।
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