कार्यक्रम की शुरुआत सर्व प्रथम मुख्य अतिथि आसपा जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार द्वारा डॉ. अंबेडकर और महात्मा ज्योतिबा राव फूले के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्ज्वलित करके की गई.
सभा को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि बहुजन समाज में जन्में सभी संतो महापुरुषों ने समाज की दशा सुधारने और उनको सही दिशा में ले जाने का मार्ग शिक्षा को चुना. जिसके लिए अनवरत प्रयास और संघर्ष किया. उन्होंने ज्योतिबा फूले के विचारो को दोहराते हुए कहा कि शिक्षा पुरुष और महिला की प्राथमिक आवश्यकता है. 'शिक्षा के बिना बुद्धि खो जाती है, समझ के बिना नैतिकता खो जाती है, नैतिकता के बिना विकास खो जाता है और धन के बिना शूद्र बर्बाद हो जाता'.
उन्होंने आगे कहा कि वह भारत के प्रमुख समाज सुधारकों में से एक थे. उन्होंने छुआछूत और जातिवाद के खिलाफ आवाज उठाई और कमजोर वर्गों को आगे बढ़ाने के लिए काम किया. साथ ही उन्होंने किसानों और मजदूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए भी आंदोलन चलाया. फुले जी ने शिक्षा और समानता के जरिए समाज को बदलने का सपना देखा था जिसके बारे में छात्रों को जरूर समझना चाहिए. इसलिए 11 अप्रैल को उनकी जयंती पर यहां महात्मा ज्योतिबा फुले के विचार आप सबको दिए जा रहे हैं जो छात्रों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे.
इस अवसर पर शनि कुमार राव, प्यारेलाल भारती, चंदन कुमार, एडवोकेट जितेंद्र कुमार, अविनाश कुमार रावण, आकाश कुमार जाटव सहित सैकड़ों लोगों ने कार्यक्रम में संबल प्रदान किया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता विजय कुमार और संचालन सिद्धार्थ प्राण बाहु ने किया।
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