नई दिल्ली, सटीक संवाद। प्रधान संपादक संजय कुमार दिनकर ने कहा कि सेना की वर्दी को जातिवादी चश्मे से देखना सेना के शौर्य और देश की अस्मिता का घोर अपमान है. वीरांगना बेटियों को जाति और धर्म की परिधि में बांधना उनकी संकुचित सोच का प्रदर्शन है. आखिर इन वीरांगनाओं के साथ ऐसा सलूक क्यों किया जा रहा है? कोई नेता एक वीरांगना का धर्म गिनाते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहा है तो कोई दूसरे की जाति बताकर अपमानित कर रहा है.

कर्नल सोफिया कुरैशी पर BJP नेता की गंदी टिप्पणी के बाद ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में नियमित रूप से ब्रीफिंग करने वाली वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह को “चमार” कहकर रामगोपाल यादव ने अपनी जाहिल जातिवादी सोच दिखा दी. इतना ही नहीं उन्होंने सेना के अन्य अधिकारियों की भी जातियां गिनाई.
ऑपरेशन सिंदूर की आवाज बनी कर्नल सोफिया कुरैशी पर मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा दिए गए विवादित बयान का शोर अभी थमा भी नहीं है कि अब सपा नेता राम गोपाल यादव ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह की जाति गिनाते हुए एक ऐसी टिप्पणी की, जिस कारण उनकी आलोचना जमकर की जा रही है. सोशल मीडिया पर लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि आखिर देश की सेवा में लगी बेटियों और अधिकारियों को धर्म और जाति के आधार पर क्यों देखा जा रहा है?
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