जमीन विवाद का हवाला देकर 03 को पकड़ा, आरोपी हिरासत में खुद को बताए निर्दोष, परिजन पहुंचे एसपी कार्यालय, पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
चन्दौली, मुगलसराय। दवा व्यवसाई रोहितास पाल की हत्या के एक सप्ताह बाद मंगलवार को पुलिस ने तीन व्यक्तियों को हत्या कराने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाकर जेल भेज दी है. जबकि आरोपी मनोज और ओमप्रकाश ने पुलिस हिरासत में खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उसे फंसाया जा रहा है. हत्याकांड के खुलासे के दौरान उपरोक्त दोनों आरोपियों के परिजन पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
इस बीच, स्नातक एमएलसी (विधान परिषद सदस्य) आशुतोष सिन्हा ने मंगलवार को अपराह्न 1:30 बजे मृतक रोहितास पाल के परिजनों से मुलाकात कर शोक संवेदना व्यक्त की और पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यदि किसी दबाव या प्रभाव में आकर हत्या का गलत खुलासा किया जाता है या निर्दोष लोगों को फंसाया जाता है, तो समाजवादी पार्टी पूरे प्रदेश में व्यापारियों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन करेगी. चेताया कि सभी जिला मुख्यालयों पर सरकार के खिलाफ एक साथ 'हल्ला बोल' आंदोलन चलाया जाएगा।
सिन्हा ने भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार में "मुंह में राम बगल में छुरी" की स्थिति है और अपराधियों को संरक्षण दिया जाता है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में सांसदों और विधायकों की कोई हैसियत नहीं है कि वे किसी की मदद कर सकें, जबकि अफसरशाही बढ़ी हुई है और अपराधी बेलगाम हो चुके हैं. उन्होंने इस स्थिति की कड़ी निंदा की.
वहीं पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे ने इस बाबत बताया कि मृतक रोहितास पाल उर्फ रोमी की कन्हैया टाकिज की पैतृक सम्पत्ति, (जो अंश मृतक के दादा स्व0 राजाराम की थी) को स्व0 राजाराम की दूसरी पत्नी स्व0 शान्ति देवी की पुत्रियो प्रीती पाल, गीता पाल, उमा पाल, निशा पाल, वीणा पाल द्वारा फर्जी तरीके से वरासतन अपना नाम दर्ज कराकर कम कीमत पर भानू जायसवाल को बेच दिया गया था। उक्त जमीन पर भानू जायसवाल कब्जा दाखिल होना चाह रहे थे, जिसका मृतक रोहितास पाल उर्फ रोमी द्वारा बार बार विरोध किया जा रहा था तथा रोहितास द्वारा भानू जायसवाल के बैनामे को कैन्सिलेशन हेतु न्यायालय में मुकदमा किया गया था. काफी प्रयास के बाद जब कब्जा नहीं मिला तो भानू जायसवाल द्वारा मुगलसराय के स्थानीय व्यक्ति ओमप्रकाश जायसवाल व मनोज जायसवाल से सम्पर्क किये तथा उनके द्वारा भी मृतक रोहितास पाल को डराकर धमकाकर कब्जे का प्रयास किया गया किन्तु मृतक रोहितास पाल द्वारा बार बार विरोध किया जाता था। जिसके बाद अभियुक्तों द्वारा रोहितास पाल को रास्ते से हटाने की योजना बनायी गयी।
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