क्षेत्र के विकास का ढिंढोरा पीटते नहीं थकते विधायक सांसद
बांस का सहारा ही है ग्रामीणों के लिए रोपवे
रिपोर्ट : संदीप कुमार बड़े बाबू
चंदौली। देश भर में भले ही हाइवे, ओवरब्रिज और रोपवे बन रहा हो बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में लोग नहर पार करने के लिए अभी भी बांस का सहारा ले रहें हैं. प्रधान और विधायक, सांसद विकास ढिंढोरा पीट रहे हैं. मामला मुगलसराय क्षेत्र के महीदियुल गोपालपुर का है जहां ग्रामीण आज भी बांस के सहारे जान जोखिम में डालकर
नहर पार करते हैं.
आधुनिक विकास के दावों के बावजूद इस गांव की तस्वीर दशकों पुरानी बनी हुई है. गांव के लोगों की रोज़मर्रा की परेशानियाँ स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं. यहां नहर नदी के जैसी चौड़ी है, के ऊपर एक अस्थायी बांस का पुल बनाकर लोग आवागमन करते हैं. यह कच्चा और गड्ढेदार रास्ता छोटे बच्चों, बुजुर्ग महिलाओं और मजदूर किसानों के लिए हर दिन एक बड़ा दुर्घटना को दावत देता है.
स्थानीय किसान शिवमूरत, भूसी छोटेलाल, अरविंद, सुजीत, महेंद्र, वीरेंद्र, रामललित, राम, शालित, पारस, बब्बू, सुरेश, कल्लू, दशमी, कन्हैया, रामायण, चंदन, रामकृत, संजू, शिया राम, नागेंद्र, मानू, राम जी, शंकर, राजेंद्र और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि यह स्थिति लगभग 70 वर्षों से लगातार बनी हुई है.
उन्होंने कई बार जनप्रतिनिधियों को इस समस्या से अवगत कराया है. बावजूद अभी तक किसी भी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. ग्रामीणों का कहना हैं कि हम गरीबी में जिंदगी काट रहे हैं. सरकार की कोई योजना इस गांव तक नहीं पहुंच पा रही है.
सरकारी सुविधाएँ सड़क, पुल, संपर्क मार्ग और शुद्ध पानी, निकासी आदि की कोई भी सुविधा आज तक ग्रामीणों को नहीं मिला है. बच्चे स्कूल तक पहुँचने के लिए भी जोखिम भरा रास्ता तय करते हैं. जनप्रतिनिधि बदलते रहे हैं गांव के हालात नहीं बदले. मजदूर, किसान और बुजुर्गों का कहना है कि उन्हें आज भी वह सुविधा नहीं मिल पाई है जो एक सामान्य नागरिक का अधिकार है.
वोट लेने के लिए प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, विधायक,एमएलसी, सांसद आते हैं जो नहर पर पुल बनवाने का वादा तो करते हैं, चुनाव जीतते ही जनप्रतिनिधि अपने वादे भूल जाते हैं. डबल इंजन की भाजपा सरकार देश में विकास का ढिंढोरा पीटते हैं. उन्हें भी इस गांव का विकास दिखाई नहीं देता है. ग्रामीणों का आरोप है गूंगी बहरी सरकार को कुछ दिखाई नहीं देता है।
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