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डॉ.आम्बेडकर असमानता और अन्याय के खिलाफ सदैव प्रखर रहे. अवनीश कुमार

चंदौली, सटीक संवाद। जिला मुख्यालय पर विश्व रत्न सिंबल ऑफ नॉलेज बाबा साहेब डा.बी.आर.आंबेडकर की 134वीं जयंती बसपाइयों ने बड़े ही धूमधाम से मनाया. कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि मुख्य मण्डल प्रभारी अवनीश कुमार, जिलाध्यक्ष घनश्याम प्रधान सहित तमाम दिग्गजों ने डॉ. आंबेडकर के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर किया. वहीं उनके जीवन संघर्षों को याद कर राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला गया और उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया गया.

श्री कुमार ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर भारतीय समाज के एक ऐसे महान चिंतक, संविधान निर्माता और दलित समुदाय के लोकप्रिय नेता थे, जिन्होंने जीवनभर समाज से छुआछूत और जातिवादी मतभेदों को मिटाते हुए सभी के लिए समान अधिकारों की पैरवी की. उन्होंने न केवल भारतीय संविधान को आकार दिया, बल्कि समाज में व्याप्त असमानता और अन्याय के खिलाफ भी सदैव प्रखरता से आवाज उठाई. उनके विचारों ने भारतीय जनमानस की चेतना जगाकर, समाज को नई दिशा देने में मुख्य भूमिका निभाई. भारत में सभी के लिए एक समान अधिकारों और एकजुट भारत की नींव रखने में उनके विचारों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया.


जिलाध्यक्ष घनश्याम प्रधान ने कहा कि डॉ. आम्बेडकर का संघर्षशाली जीवन और उनके विचार हर भारतीय को प्रेरित करते हैं.जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए.

सत्येंद्र कुमार मौर्य ने कहा कि बाबा साहेब डा बी आर आम्बेडकर का संविधान केवल वकीलों का दस्‍तावेज नहीं है बल्कि यह जीवन जीने का एक माध्‍यम है.

अमित कुमार 'लाला' ने कहा कि बाबा साहेब ने हमें जो एक वोट का अधिकार दिया है वह एक ऐसी ताकत है, जो किसी ब्रह्मास्त्र से कहीं अधिक ताकत रखता है. इसका सही प्रयोग करके हम अपना भाग्य खुद बना सकते हैं.

इस अवसर पर मुकेश कुमार, राकेश शर्मा, उमापति, सुरेश चौहान, होरीलाल पाल, मनोज पांडेय, विकास आजाद, तिलकधारी बिंद, इरशाद अहमद, श्यामसुंदर विश्वकर्मा, अनील कुमार, कमला बिंद ,अवधेश यादव, मुन्ना यादव, सहित हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों ने कार्यक्रम में संबल प्रदान किया।

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